एक अध्यापक होने के नाते आप अपने विद्यार्थियों के ज्ञान संरचना में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए ?
मेरे ख्याल से इस प्रश्न का उत्तर जानने में आप हमें सपोर्ट करेंगे ।जो इस प्रकार है:–
1. अपने विद्यार्थियों को बिना आदेश दिए उन्हें नयी अवधारणाओं को सीखने में मदद करना चाहिए ।
2. कक्षा में प्रत्येक विद्यार्थी जो कुछ भी पहले से सीखे हैं उनके अनुभव के प्रति हमें संवेदनशील होना चाहिए ।
3. विद्यार्थियों को वास्तविक संसारिक कार्य करने के लिए देना चाहिए ।
4. नजदीक के वातावरण से जितना संभव हो सके विद्यार्थियों को विषय वस्तु व अनुभव प्रदान करना चाहिए ।
5. वास्तविक संसारिक समस्या सुलझाने व वास्तविक नियमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ।
6. किसी भी समस्या समाधान के लिए बहुपक्षीय नजरिया ( विद्यार्थी का) रखने पर प्रोत्साहन करते हुए विभिन्न समाधान खोजना चाहिए ।
7. विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने की अनुमति देना और उन्हें बुद्धिमतापूर्ण प्रश्न उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ।
8. विद्यार्थियों को मन ही मन में सोचने का अभ्यास विकसित करना चाहिए । आप जानते हैं कि बुद्धिमतापूर्ण प्रश्न पूछने की कला को उकसाने से छात्र अंदर ही अंदर मन में सोचते हैं ।
9. कक्षा में सदभावना पूर्वक मिल-जुलकर अधिगम को बढ़ावा देना चाहिए ।
10. एक अध्यापक को चाहिए कि वह अपने अधिगम की वृद्धि का स्वयं विश्लेषण व स्वयं की जांच करें ।
11. अधिगम को वास्तविक, संबंधित व समय के अनुकूल बनाने के लिए वास्तविक संसारिक वस्तुओं और अनुकूलित वातावरण प्रदान करने की कोशिश करना चाहिए ।
मैं वीरेंद्र कुमार मेहता सभी पाठकों से आशा करता हूं की हमारा यह आर्टिकल उन्हें विद्यार्थियों के प्रति एक सही मार्ग सुनिश्चित करेगा ।
शिक्षाकर्मी परियोजना के बारे में जानने के लिए दिए हुए लिंक पर क्लिक करें । https://youtu.be/50hkDhH_9Pg
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