सरल शब्दों में मनोविज्ञान मानसिक प्रक्रियाओं अनुभवों तथा व्यक्त और अव्यक्त दोनों प्रकार के व्यवहार ओं का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन है
मनोविज्ञान शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्द साइके तथा लॉगस से हुई है ग्रीक भाषा में साइके शब्द का अर्थ है आत्मा तथा लॉगस का अर्थ है शास्त्र या अध्ययन
सबसे पहले मनोविज्ञान को आत्मा के अध्ययन से संबंधित विषय माना जाता था भारत में वैदिक तथा उपनिषद काल का प्रमुख उद्देश्य चेतना का अध्ययन तथा मानसिक प्रक्रियाओं के विभिन्न पक्षों का विश्लेषण किया गया इसके उपरांत योग संख्या वेदांत न्याय बौद्ध तथा जैन दृष्टिकोण ओं ने मन मानसिक प्रक्रियाओं तथा मन के नियंत्रण पर विस्तृत जानकारी दी आधुनिक काल में कोलकाता विश्वविद्यालय में 1916 ईस्वी में मनोविज्ञान विभाग की स्थापना की गई
1879 ईस्वी में जब विलियम वुंट ने लिप जिंग विश्वविद्यालय जर्मनी में प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की तब पश्चिम में मनोविज्ञान का एक आत्मनिर्भर क्षेत्र के रूप में औपचारिक आरंभ हुआ तब से लेकर अब तक मनोविज्ञान के विकास में एक लंबी यात्रा तय की है सामाजिक विज्ञान में आज यह एक बहुत ही लोकप्रिय विषय माना जाता है इसमें सभी प्रकार के अनुभवों मानसिक प्रक्रिया तथा व्यवहार का अध्ययन किया जाता है इन सभी पक्षों का व्यापक विश्लेषण हमें मानव प्रकृति की एक वैज्ञानिक समझ प्रदान करता है
(क) मनोविज्ञान अनुभव का अध्ययन :– मनोवैज्ञानिक कई प्रकार के मानव अनुभव और भावनाओं का अध्ययन करते हैं जिनकी प्रकृति मुख्यतः व्यक्तिगत होती है अनुभव विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं जैसे स्वप्न,जीवन की विभिन्न अवस्थाओं में चेतन अनुभव,और वे अनुभव जब चेतन अवस्था के स्वरूप को ध्यान या चेतना प्रसारी औषधियों के प्रयोग द्वारा परिवर्तित कर दिया गया हो । इस प्रकार के अनुभवों के अध्ययन के द्वारा मनोविज्ञान को को व्यक्तियों के व्यक्तिगत स्वरूप को समझने में सहायता मिलती है ।
(ख) मनोविज्ञान मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन :– मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन के रूप में मनोविज्ञान मस्तिष्क में हो रही उन क्रियाओं का पता लगाने का प्रयास करता है जिनका स्वरूप वस्तुतः दैहिक न हो । इन मानसिक प्रक्रिया में प्रत्यक्षीकरण, सीखना, याद करना तथा चिंतन आदि सम्मिलित है । यह आंतरिक मानसिक क्रियाएं हैं जिनका प्रत्यक्ष रूप से निरीक्षण नहीं किया जा सकता किंतु व्यक्ति के व्यवहार से इनका अनुमान लगाया जा सकता है उदाहरण यदि कोई व्यक्ति की गई गणित संबंधी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए कुछ निश्चित क्रियाकलाप करता है तब हम कह सकते हैं कि वह चिंतन कर रहा है ।
(ग) मनोविज्ञान व्यवहार का अध्ययन :–मनोविज्ञान के अंतर्गत व्यवहार के अध्ययन का क्षेत्र अत्यधिक विस्तृत है इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के व्यवहार जैसे साधारण प्रतिवर्ती क्रियाएं (उदाहरण के लिए आंख झपकना), सामान्य प्रतिक्रिया स्वरूप, जैसे मित्रों से बातचीत, भावनाओं का आंतरिक स्थिति का शाब्दिक वर्णन और जटिल व्यवहार,जैसे कंप्यूटर पर कार्य करना, पियानो बजाना और भीड़ को संबोधित करना आदि सम्मिलित है यह व्यवहार या तो प्रत्यक्ष रूप से देखे जा सकते हैं या परीक्षणों द्वारा इन का मापन किया जा सकता है जब एक व्यक्ति दी गई स्थिति में एक उदीपक के प्रति प्रतिक्रिया करता है तब इस प्रकार के व्यवहार सामान्यतःशाब्दिक या अशाब्दिक ( उदहारण के लियेचेहरे के हाव-भाव ) रूप से व्यक्त किए जाते हैं
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