शनिवार, 24 मार्च 2018

यूनिस्को शिक्षा के क्षेत्र। में

पाठ्यक्रम 501, ब्लॉक 3 
प्रारंभिक शिक्षा के सार्विकीकरण में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की भूमिका  



1. यूनेस्को 

आप जानते हैं कि 16 नवंबर 1945 में लंदन में हुए विश्व सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्को – United Nations Educational  Scientific and Cultural Organisation) की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से शांति बढ़ावा को देना था यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस में है ।
 यूनेस्को के अनुसार अधिगम का महत्व आर्थिक विकास और शांति से है यूनेस्को एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है यूनेस्को ने स्वतंत्र राष्ट्रों को भौतिक तथा मानव संसाधन सहायता प्रदान करता है ताकि उनका शैक्षिक विकास हो सके यह संस्था अध्यापकों को प्रशिक्षित करने , अध्ययन पाठ्यक्रम निर्मित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर करती है इन्होंने  ही 1990 क जॉमेितीयन सम्मेलन को प्रायोजित किया । इस संस्था ने अपने सहयोगी राष्ट्रों के साथ परामर्श करके सबके लिए शिक्षा अभियान में सहयोग दिया है सबके लिए शिक्षा अभियान के समर्थन में यूनेस्को ने निम्नलिखित दस्तावेजों का निर्माण किया:-

1.  क्रियाविधि योजना :- अर्थात जो राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिए जाने वाले क्रियाविधि को संगठित तथा युक्ति युक्त करता है ।

 2. सब के लिए शिक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रियाविधि योजना तैयार करने के लिए दिशानिर्देश:- जिसका उद्देश्य सदस्य देशों की राष्ट्रीय सबके लिए शिक्षा योजनाओं के निर्माण में सहायता करना है ।

 3.  सबके लिए शिक्षा के समर्थन में विकास साझीदार सहयोग दस्तावेज:- इसमें मूलाचार तथा कार्यनीतियां सबके लिए शिक्षा पर सूचना बांटने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ बुलेटिन बोर्ड की स्थापना की गई जो महत्वपूर्ण घटनाओं और उपलब्धियों पर नियमित रुप से सूचना देता है।

आइए आप जानते हैं यूनेस्को की सबके लिए शिक्षा के प्रति वचनबद्ध क्या-क्या है?
इसमें इसका पांच केंद्रीय क्षेत्र है 
1  सबके लिए शिक्षा को यूनेस्को के सभी कार्यक्रमों या कार्यकलाप में पूर्ण रूप से संगठित करना हैं ।

 2. सबके लिए शिक्षा के क्रियान्वयन में देशों की सहायता करना – उदाहरण के तौर पर बताएं तो शिक्षा नीतियों के निर्माण में सहायता करना जो अपवर्जित अर्थात Excluded समूह को पोषित करती है ।

 3. क्षमता निर्माण तथा देशों के मध्य आदान-प्रदान के लिए क्षेत्रीय रचना तंत्रों का विकास करना हैं ।

4.  संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग करना तथा बेसिक शिक्षा में अधिक निवेश करना हैं ।और

 5.  सबके लिए शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय बैठकों में समर्थन कर वैश्विक स्तर पर सबके लिए शिक्षा की गति को बनाए रखना है ।

मैं अपने पाठकों से आशा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पसन्द कर रहे होंगे ।

इसे आप मेरे साथ वीडियो के माध्यम  से पढ़ने के साथ -साथ सुन भी सकते है । नीचे दिए हुए लिंक  क्लिक कीजिए ।

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