गुरुवार, 22 मार्च 2018

द्वितीय भाषा में क्षमता विकसित करने संबंधित तथ्य

द्वितीय भाषा में क्षमता विकसित    करने संबंधित कुछ तथ्य



भाषा के नियमों को याद कर लेना भाषा सीखने की प्रक्रिया का विकल्प नहीं है जो कि बच्चे के भाषा का धाराप्रवाह प्रवक्ता बनने में मदद करता है हालांकि यह बच्चे द्वारा बोले और लिखे गए भाषा और उसके सही-गलत की जांच में सहायता कर सकता है ।


 *क्रेशन* के अनुसार " सामान्यत:" अर्जुन द्वितीय भाषा में हमारी अभिव्यक्ति की शुरुआत करता है और यह हमारी धारा प्रवाहित के लिए उत्तरदाई होता है  । अधिगम का केवल एक प्रकार्य है और वह है जांचकर्ता या संपादक की तरह काम करना *अधिगम की भूमिका में* हमारे उच्चारण रूपों में परिवर्तन करना है जो कि सीखने की प्रणाली द्वारा पहले से ही सीखें जा चुके होते हैं यह हमारे बोलने या लिखने से पहले या स्वयं संशोधन के बाद हो सकता है ।

*यह कहना जरूरी नहीं है कि व्याकरण के नियमों का सचेत रूप से सीखना केवल एक जांचकर्ता के रूप में ही भूमिका निभा सकता है  हा ऐसा कब होगा  जब व्यक्ति के पास सोचने-विचारने और नियमों का प्रयोग करने के लिए पर्याप्त समय हो तथा बोले जा रहे  वाक्यों की उच्चारण शुद्धता पर उसका निरंतर ध्यान हो* सामान्यत: जब वक्ताओं के बीच बातचीत हो रही हो होती है तो वहां शुद्धता से अधिक धारा प्रवाहित की आवश्यकता होती है ।

तारीख 22 मार्च 2018

*जय हिंद*



त्रिभाषा  सूत्र  के बारे में जानने के लिए  दिए हुए लिंक पर क्लिक करें http://biruhindustani.blogspot.in/2018/03/1952-53-1964-66-1.html?m=1

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