शास्त्रीय भाषाएं
हम शास्त्रीय भाषा उसे कहते हैं जो कि लंबे समय से चला आ रहा हो, जिसका स्वतंत्र रूप से व्याकरणिक परंपरा हो तथा मौलिक साहित्य भंडार हो ।
आइए अब हम जानते हैं कि भारत में शास्त्रीय भाषाएं घोषित करने के क्या प्रावधान है:–
1. जिस भाषा को शास्त्रीय भाषा घोषित करना है उस भाषा का 1500 से 2000 वर्ष पुराना लिखित इतिहास या लिखित ग्रंथ होनी चाहिए ।
2. उसका एक प्राचीन साहित्य या ग्रंथ हो जिसे कि उस भाषा को बोलने वाले उस भाषा को बहुमूल्य विरासत मानते हो ।
3 . उस भाषा के साहित्य परंपरा मौलिक होना चाहिए ना कि किसी अन्य भाषिक समुदाय से उधार ली हुई हो ।
आइए अब हम जानते हैं कुछ तथ्य जो कि आपको जानने चाहिए ।
जून 2004 में तमिल भाषा को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया ।
2005 में संस्कृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया था । तथा
2008 में कन्नड़ वा तेलुगू को भी शास्त्रीय भाषाएं घोषित किया गया ।
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